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Fake Companies Scam में पकड़ा गया 12वीं पास युवक, 4 फर्जी कंपनियों के माध्यम से लोगों को लगाया करोड़ों का चूना

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आपने बारहवीं फेल आईएएस अधिकारी की कहानी तो सुनी ही होगी, और उन पर "बारहवीं फेल" नाम से एक फिल्म भी बनी होगी। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ठग के बारे में बताने जा रहे हैं जो आठ साल में लोगों से ₹55 करोड़ की ठगी करने में कामयाब रहा, और आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। बारहवीं फेल इस ठग ने 2017 में शुरू की गई चिटफंड कंपनियां बनाकर आठ सालों में सैकड़ों लोगों को ठगा। आइए आपको उसकी हर कंपनी के नाम और ठगी के तरीके बताते हैं।

पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया

गौरतलब है कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में जोधपुर निवासी बंसीलाल उर्फ प्रिंस सैनी, ब्यावर निवासी ममता भाटी और मेड़ता सिटी निवासी दिनेश बागड़ी शामिल हैं। ये लोग एक विदेशी मैनेजर की तस्वीर वाली फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को यह झांसा देते थे कि यह एक विदेशी कंपनी है जहाँ वे निवेश कर सकते हैं। जैसे ही लोग निवेश करते, कंपनी बंद हो जाती। जालसाज़ ने अपनी पहली कंपनी के ज़रिए अपने 54 परिचितों को ठगा। बंसीलाल ने सबसे पहले ट्रॉनिक वर्ल्ड नाम से एक चिटफंड कंपनी बनाई और अपने 54 परिचितों से 12-12 हज़ार रुपये वसूले। 6.5 लाख रुपये वसूलने के बाद, उसने कंपनी बंद कर दी। जब लोगों ने अपने पैसे वापस मांगे, तो वह उन्हें टालता रहा।

जालसाज ने लगभग 66 लाख रुपये वसूले

"ग्रो मोर एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड" नाम की दूसरी कंपनी का इस्तेमाल ऑनलाइन कोचिंग की आड़ में लोगों को ठगने के लिए किया गया। यह कंपनी 2022 में बनाई गई थी और इसने 2,200 छात्रों से ऑनलाइन कोचिंग के नाम पर 3,000 रुपये सालाना फीस ली। इस तरह, जालसाज़ ने लगभग 66 लाख रुपये वसूले। इसके अलावा, उसने निवेशकों को 96% से 120% तक की वार्षिक ब्याज दरों का वादा करके भी ठगा।

स्कॉर्पियो के लालच में 250 निवेशकों को चूना

धोखेबाज़ की तीसरी कंपनी का नाम "हार्वेस्ट एआई टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड" था। बंसीलाल और ममता भाटी इस कंपनी के निदेशक थे। इस कंपनी के ज़रिए एक स्कीम शुरू की गई थी, जिसमें सिर्फ़ ₹6 लाख (करीब 16 लाख डॉलर) जमा करने पर स्कॉर्पियो मिलने का वादा किया गया था। स्कॉर्पियो के लालच में आकर 250 निवेशकों ने पैसे जमा कर दिए। 15 अक्टूबर को उन्हें स्कॉर्पियो के लालच में फंसाया गया। हालाँकि, जब कंपनी के बैंक खाते की जाँच की गई, तो सिर्फ़ ₹5 लाख (करीब 15 लाख डॉलर) ही मिले।

20 गुना रिटर्न का झांसा देकर निवेशकों को ठगा गया

धोखेबाज़ यहीं नहीं रुका, और स्कॉर्पियो स्कीम के बाद, उसने एक चौथी कंपनी भी बनाई जिसके ज़रिए उसने 20 गुना रिटर्न देने का दावा किया। इस कंपनी में ₹2,360 निवेश करने पर निवेशकों को लकी ड्रॉ में बाइक या स्कूटर मिलने का वादा किया गया था। जब लोगों ने निवेश के 11 महीने बाद अपने 8,000 रुपये वापस मांगे, तो कंपनी ने 50 करोड़ टोकन बेचने की योजना बनाई, जिसमें उन्हें ग्लोबल एक्सचेंज पर लिस्टिंग जैसे बोनस का वादा किया गया और टोकन की कीमत 10 रुपये रखी गई। उन्होंने दावा किया कि कंपनी लॉन्च होते ही टोकन की कीमत 200 रुपये होगी। इसी बहाने उन्होंने लोगों से 2-3 करोड़ रुपये ऐंठ लिए। आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि कैसे एक 12वीं फेल युवक ने लोगों से 55 करोड़ रुपये ठग लिए।

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