नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने जेटीए-2024 परीक्षा को लेकर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बेनीवाल ने दावा किया कि जेटीए परीक्षा में ओएमआर शीट पर न तो अभ्यर्थी के हस्ताक्षर लिए गए और न ही कक्ष निरीक्षक (वीजिलेटर) के। नागौर सांसद ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ओएमआर शीट पर अभ्यर्थियों और वीक्षकों के हस्ताक्षर नहीं लिए गए, जिसका मतलब है कि कल को आसानी से ओएमआर शीट भरी जा सकती है और चहेतों को नौकरी दी जा सकती है।
परीक्षा में प्रक्रिया की अनदेखी का आरोप
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए ओएमआर पर अभ्यर्थी और वीक्षक के हस्ताक्षर अनिवार्य होते हैं, लेकिन जेटीए-2024 परीक्षा में इस प्रक्रिया की पूरी तरह से अनदेखी की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे बोर्ड के भीतर बैठे लोग किसी भी छात्र की ओएमआर शीट को बाहर से भरकर नौकरी से हाथ धो सकते हैं।
आरएसएसबी चेयरमैन पर भी लगाए गंभीर आरोप
नागौर सांसद ने आरएसएसबी चेयरमैन आलोक राज पर भी कई गंभीर आरोप लगाए और कहा कि परीक्षा के बाद डबल कटऑफ जारी नहीं की गई। स्कोर कार्ड जारी नहीं किए गए। रिजल्ट समय पर जारी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यह सब पारदर्शिता खत्म करने की सोची समझी साजिश है। राज्य सरकार इसको सीधा संरक्षण दे रही है। हनुमान बेनीवाल ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस मामले में तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो आरएलपी सड़कों पर उतरकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी।
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