राजस्थान की राजनीति में सियासी बयानबाजी का दौर जारी है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को एक बार फिर बीजेपी और आरएसएस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भले ही चुनाव नहीं लड़ता, लेकिन आज वह ऐसे शासन कर रहा है जैसे जनता ने उसे सीधे चुनकर भेजा हो।
डोटासरा ने कहा, “बिना जनता के वोट के आरएसएस सरकारों के ऊपर अपना अंकुश और आधिपत्य जमाए हुए है। आरएसएस के लोग सत्ता के पीछे रहकर फैसले ले रहे हैं और मंत्रियों से लेकर अफसरों तक को दिशा दे रहे हैं। यह लोकतंत्र के लिए बेहद चिंताजनक स्थिति है।”
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने केंद्र सरकार और राज्य की बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राजस्थान एक स्वतंत्र राज्य है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने इसे “केंद्र शासित प्रदेश” बना दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य की नीतियां और फैसले अब जयपुर से नहीं बल्कि दिल्ली से तय हो रहे हैं। “राजस्थान में ऐसा माहौल बना दिया गया है कि केंद्र के बिना कोई फैसला नहीं हो सकता। यहां तक कि स्थानीय मुद्दों पर भी दिल्ली से मंजूरी लेनी पड़ती है।”
डोटासरा ने आगे कहा कि राज्य सरकार में ब्यूरोक्रेसी पूरी तरह हावी हो चुकी है। उन्होंने कहा, “आज स्थिति यह है कि चाहे मुख्यमंत्री हों या मंत्री, अगर वे भी कोई जायज बात कह दें, तो उनकी बात नहीं सुनी जाती। जब जनप्रतिनिधियों की बात ही नहीं सुनी जा रही तो आम जनता की कौन सुनेगा?”
उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत जनता होती है, लेकिन आज प्रशासनिक व्यवस्था में अफसरों की पकड़ इतनी मजबूत है कि जनप्रतिनिधियों की भूमिका गौण हो गई है। यह स्थिति जनता के भरोसे के साथ खिलवाड़ जैसी है।
डोटासरा ने भाजपा सरकार से सवाल किया कि आखिर आरएसएस की भूमिका क्या है? “अगर आरएसएस सरकार चला रही है तो चुनाव में उसका नाम भी मतपत्र पर होना चाहिए। जनता जिसे चुनती है, वही शासन चलाए, न कि वे लोग जो पर्दे के पीछे से डोर खींच रहे हैं।”
राजस्थान कांग्रेस प्रमुख का यह बयान प्रदेश की सियासत में नया विवाद खड़ा कर सकता है। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से कांग्रेस लगातार यह आरोप लगाती रही है कि केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों में दखल दे रही है। डोटासरा का यह बयान उसी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके जरिए कांग्रेस भाजपा पर “केंद्र से नियंत्रण” का आरोप लगाकर जनता के बीच संदेश देना चाहती है।
डोटासरा ने अंत में कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र की मजबूती के लिए संघर्ष करती रहेगी और किसी भी स्थिति में आरएसएस या केंद्र के “छिपे शासन” को स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “राजस्थान की जनता जागरूक है और आने वाले समय में वह उन ताकतों को जवाब देगी जो लोकतंत्र की भावना को कमजोर कर रही हैं।”
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