राजस्थान की भजनलाल सरकार ने राज्य की राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था में बदलाव के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इस पहल के तहत, जयपुर, जोधपुर और कोटा के नगर निगम, जो पहले अलग-अलग काम करते थे, अब एक ही प्रशासनिक ढाँचे के अंतर्गत आ जाएँगे। इसका मतलब है कि इन शहरों में अब दो नहीं, बल्कि केवल एक ही नगर निगम होगा।
नगर निगमों की संख्या में बदलाव
राजस्थान में नगर निगमों की संख्या 312 से घटकर 309 हो जाएगी। जयपुर में पहले तीन नगर निगम थे, जो अब घटकर एक रह जाएँगे। जोधपुर और कोटा में भी दो के बजाय केवल एक-एक नगर निगम होगा।
वार्डों की संख्या और आकार में बदलाव
वार्डों की संख्या अब समान नहीं रहेगी; इसमें भी बदलाव किया जाएगा। सबसे बड़े वार्ड में लगभग 27,000 लोग शामिल होंगे, जबकि छोटे वार्डों में 13,000 लोग शामिल होंगे। 200 से ज़्यादा नगर निकायों ने अपनी अधिसूचनाएँ पहले ही जमा कर दी हैं। इस बदलाव का असर नगर निगम चुनावों पर भी पड़ेगा।
इसका असर चुनावों पर पड़ेगा
नगर निगमों के वार्डों की संख्या कम होने से कई नेताओं को नए वार्डों से चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। महापौर पद एक ही है, इसलिए उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ेगा। 309 नगर निकायों में 10,245 वार्ड होंगे। कोटा और जोधपुर में अब एक ही नगर निगम होगा।
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